डीपफेक (DeepFake) एक प्रकार की AI तकनीक है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) और मशीन लर्निंग (Machine Learning) का उपयोग करके वीडियो, ऑडियो या इमेज को इतने असली तरीके से बदल देती है कि वह असली लगने लगता है। इसका इस्तेमाल फर्जी खबरें, पहचान की चोरी, साइबर अपराध और धोखाधड़ी के लिए किया जा सकता है।
एआई जनरेटेड फ्रॉड में डीपफेक के अलावा टेक्स्ट, ईमेल, कॉल और वीडियो का उपयोग कर किसी को धोखा देना शामिल होता है।
उदाहरण: किसी व्यक्ति की आवाज को कॉपी करके उसके रिश्तेदारों से पैसे मांगना, या फर्जी बिजनेस प्रस्ताव भेजना।
- राजनेताओं के नकली वीडियो:
- 2018 में, अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्हें ऐसी बातें कहते हुए दिखाया गया था जो उन्होंने कभी नहीं कही थीं।
- फेक न्यूज फैलाने के लिए:
- 2022 में, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की का एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्हें यूक्रेनी सैनिकों को आत्मसमर्पण करने का आदेश देते हुए दिखाया गया था।
इससे होने वाले खतरे–
- फर्जी वीडियो और ऑडियो: किसी व्यक्ति की आवाज और चेहरे को बदलकर उसे कुछ ऐसा कहते या करते हुए दिखाना जो उसने असल में नहीं किया।
- फिशिंग (Phishing): नकली ईमेल या मैसेज भेजकर बैंक अकाउंट, पासवर्ड या अन्य निजी जानकारी चुराना।
- फर्जी कॉल और वॉयस क्लोनिंग (Voice Cloning):: किसी परिचित व्यक्ति की आवाज की नकल कर पैसे या संवेदनशील जानकारी मांगना।
- फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल: एआई का उपयोग करके फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाए जाते हैं, जो असली लोगों की तरह दिखते हैं। इन प्रोफाइल्स का उपयोग स्कैम, फिशिंग, या गलत सूचना फैलाने के लिए किया जाता है।
इससे कैसे बचें?
- सूचना की पुष्टि करें:: किसी भी संदिग्ध वीडियो, ऑडियो या जानकारी को तुरंत सही स्रोतों से जांचें।
- फेस और वॉयस ऑथेंटिकेशन में सतर्कता बरतें: बैंक या महत्वपूर्ण अकाउंट्स में फेस और वॉयस रिकग्निशन पर पूरी तरह निर्भर न रहें।
- अज्ञात लिंक और ईमेल से बचें: किसी भी अनजान लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें और संदेह होने पर पहले पुष्टि करें।
- दो-स्तरीय सुरक्षा (2FA) का उपयोग करें: अपने सोशल मीडिया और बैंक अकाउंट्स के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें।
- शेयरिंग से पहले सोचें: कोई भी संवेदनशील जानकारी जैसे पासवर्ड, OTP या बैंक डिटेल्स बिना पुष्टि किए किसी के साथ साझा न करें।
- डीपफेक डिटेक्शन टूल्स का उपयोग करें: कुछ ऑनलाइन टूल्स और वेबसाइट डीपफेक कंटेंट को पहचानने में मदद कर सकते हैं।
- शिक्षा और जागरूकता: खुद और अपने परिवार को डीपफेक और ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में जागरूक करें ताकि वे सतर्क रहें।
- कानूनी कार्रवाई करें:अगर आपको लगता है कि आप डीपफेक या एआई फ्रॉड का शिकार हुए हैं, तो तुरंत स्थानीय अधिकारियों या साइबर सेल से संपर्क करें।
very good article .. really spreading awareness