पेट (gut) हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसका स्वास्थ्य हमारे समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यहां पेट से जुड़ी 7 महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं, जिन्हें जानना जरूरी है:
- पेट (gut) को “दूसरा दिमाग” (second brain) कहा जाता है–
पेट में करोड़ों न्यूरॉन्स (neurons) के नेटवर्क होते हैं, जो मस्तिष्क की तरह ही संकेतों का आदान-प्रदान करते हैं। यह न्यूरॉन्स पाचन तंत्र को नियंत्रित करते हैं और मस्तिष्क के साथ सीधे संवाद करते हैं। इससे पेट का स्वास्थ्य हमारे मूड, भावनाओं और मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव डालता है। इसलिए, पेट को “दूसरा दिमाग” माना जाता है।
- तनाव (tension) पेट को प्रभावित करता है
तनाव पेट की गतिविधियों को धीमा या तेज कर सकता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, तनाव प्रबंधन जरूरी है। ज्यादा तनाव ना लें और जीवन में संतुष्ट और खुश रहें। और तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें।
- पेट का मूड पर असर
पेट में सेरोटोनिन (खुशी का हार्मोन) का 90% उत्पादन होता है। इसलिए, पेट खराब होने पर मूड खराब हो सकता है। आंतों के बैक्टीरिया विटामिन B और विटामिन K को संश्लेषित करने में भूमिका निभाते हैं। कुछ लोगों के बड़ी आंत में बैक्टीरिया द्वारा सक्रिय विटामिन B12 का उत्पादन होता है।
4. गट बैक्टीरिया (पेट के बैक्टीरिया)का महत्व
पेट में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन होता है। अच्छे बैक्टीरिया पाचन, इम्यूनिटी और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। सुनिश्चित करें कि आपके आहार में प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स का अच्छा संतुलन हो। अगर आप अपने पेट को अच्छी तरह से पोषण देते हैं, तो इससे आपको बेहतर स्वास्थ्य मिल सकता है।
- अपने आंत माइक्रोबायोम (पेट के बैक्टीरिया) को पोषण दें–
Science Direct के रिसर्च के अनुसार ,मानव आंत में बड़ी संख्या में सूक्ष्मजीव परजीवी होते हैं, इन सूक्ष्मजीवों में मुख्य रूप से बैक्टीरिया होते हैं, एक सामान्य वयस्क की आंत में बैक्टीरिया का कुल वजन 1˜1.5 किलोग्राम तक पहुंच सकता है, और आंत में बैक्टीरिया की संख्या लगभग 10^14 होती है, जो मानव कोशिकाओं की कुल संख्या का 10 गुना है।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ अच्छे आंत बैक्टीरिया के निर्माण में मदद कर सकते हैं । इसके आलावा संतुलित आहार लें।पर्याप्त पानी पिएं। नियमित व्यायाम करें। प्रोबायोटिक्स (दही, छाछ) का सेवन करें।
- पेट और इम्यूनिटी का संबंध
हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) का 70-80% हिस्सा पेट से जुड़ा होता है। स्वस्थ पेट मजबूत इम्यूनिटी की नींव है।
- पाचन तंत्र का केंद्र-
पेट भोजन को पचाने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने और अपशिष्ट को बाहर निकालने का काम करता है। इसलिए, इसका स्वस्थ होना जरूरी है।
अतः पेट का स्वास्थ्य हमारे समग्र स्वास्थ्य की कुंजी है। इसे नजरअंदाज न करें और स्वस्थ जीवनशैली (lifestyle) अपनाएं।